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“दिल बड़ा हो तो यूपी के प्रमुख समाजसेवी राजेश सिंह जैसा!

गरीबों के मसीहा ने मां के नाम लगाए पेड़, हजारों आंखों को दी रोशनी,लाखों गरीब मरीजों को दी ज़िंदगी की नई राह!

(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
देवसिया(देवरिया)।उत्तर प्रदेश में अमीरों की कोई कमी नहीं, लेकिन “दिल के धनी” बिरले ही मिलते हैं। देवरिया जनपद के मइल गांव से एक ऐसा ही नाम उभरा है – राजेश सिंह दयाल, जिन्हें लोग प्रेम से “उत्तर प्रदेश का मेडिसिन मैन” कहते हैं। उन्होंने फिर एक बार मानवता का परचम लहराते हुए एक अभूतपूर्व मिशन की शुरुआत की है – “एक पेड़ मां के नाम”।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस भावनात्मक पहल को आगे बढ़ाते हुए राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन ने बलिया और देवरिया की पांच विधानसभाओं में 1 लाख औषधीय पौधे लगाने का संकल्प लिया है। इस अभियान की शुरुआत मइल, देवरिया से हुई, जहां वृक्षारोपण सिर्फ रस्म नहीं था, बल्कि मां की ममता और प्रकृति की करुणा का प्रतीक बना।

इस अभियान में नीम, आंवला और सहजन जैसे पौधों का चयन हुआ है, जो न केवल वातावरण को शुद्ध करेंगे बल्कि लाखों लोगों की सेहत को भी संजीवनी देंगे। खास बात यह रही कि इन पौधों को “Adopt” करने का संकल्प भी नागरिकों ने लिया – यानी लगाए गए हर पेड़ की देखभाल भी जनता करेगी।

इस आयोजन में उपस्थित रहे कई गणमान्य अतिथि जैसे कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शक्ति सिंह “सक्षम”, भाजपा मंडल अध्यक्ष भागलपुर इंद्रदेव निषाद, और पूर्व मंडल अध्यक्ष दीनबंधु सिंह। प्रेस कांफ्रेंस में राजेश सिंह दयाल ने साफ किया कि यह कोई चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि समर्पण और सेवा का विस्तार है।

श्री दयाल ने मीडिया से कहा –

“यह केवल वृक्षारोपण नहीं, बल्कि मेरी मां को समर्पित एक भावनात्मक श्रद्धांजलि है। पिछले 30 वर्षों से भाजपा का कार्यकर्ता होने के नाते मैं हर जनकल्याणकारी योजना को अपने जीवन का मिशन मानता हूं।”

राजेश सिंह दयाल का सेवाभाव सिर्फ पौधों तक सीमित नहीं। उन्होंने अब तक देवरिया और बलिया के 2 लाख से अधिक मरीजों का मुफ्त इलाज, जांच और दवाएं देकर हजारों जिंदगियों को राहत दी है। इतना ही नहीं, 5000 से ज्यादा गरीब मरीजों की आंखों का मुफ्त ऑपरेशन कर, उन्हें नई दृष्टि भी दी है, वो भी पूरी तरह नि:शुल्क लेंस के साथ।

एक पत्रकार ने जब पूछा कि क्या ये आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, तो दयाल ने मुस्कुराते हुए कहा –

“मेरे लिए राजनीति नहीं, मानवता सर्वोपरि है। मैं न किसी पद की लालसा रखता हूं, न प्रचार की। मेरा सपना है – हर गरीब को इलाज और हर मां के नाम एक पेड़।”

श्री दयाल ने यह भी बताया कि जल्द ही उनकी संस्था पुनः निःशुल्क चिकित्सा शिविर प्रारंभ करेगी, जो अब उनके स्वयं के अस्पताल के माध्यम से संचालित होंगे। पूर्व में जिन अस्पतालों से वे जुड़े थे, उन्होंने गरीबों से शुल्क वसूलना शुरू कर दिया था, जिसके चलते फाउंडेशन ने उनसे नाता तोड़ लिया।

इस अभियान ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में पर्यावरणीय जनक्रांति का सूत्रपात किया है। जहां एक ओर लोग पेड़ लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर समाज एक ऐसे नायक को देख रहा है, जो नेता से ज्यादा “मसीहा” लगता है।

आज जब समाज में स्वार्थ और लालच हावी है, ऐसे में राजेश सिंह दयाल जैसे व्यक्ति एक उम्मीद की किरण हैं। उनका जीवन, उनका सेवाभाव और उनका हर कदम एक प्रेरणा है।

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