(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
मथुरा की विशेष अदालत एमपी-एमएलए कोर्ट ,में राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के ख़िलाफ़ दायर याचिका सनातन धर्म रक्षापीठ वृंदावन बनाम सुरेश कुमार खन्ना की सुनवाई सोमवार को हुई यह याचिका राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के खिलाफ उनके द्वारा विजलेंस जांच को प्रभावित करने एवं भ्रष्टाचारियों को बचाने के साथ भूमाफियाओं के संरक्षण में संलिप्तता पाए जाने पर उनपर एफ़आईआर दर्ज कराने के विषयक दायर हुई थी याचिकाकर्ता सनातन धर्म रक्षापीठ वृन्दावन के द्वारा संस्थापक अध्यक्ष कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर हैं जिनके द्वारा आश्रमों पर अवैध कब्जा करने वाले भूमाफिया एवं भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के संरक्षण का आरोप वित्त मंत्री पर लगाया गया था पूर्व में न्यायालय द्वारा वृंदावन थाने से रिपोर्ट तलब की थी जिसमें वृंदावन कोतवाली पुलिस द्वारा दी गई रिपोर्ट से न्यायालय असंतुष्ट रहा अदालत ने पाया कि पुलिस ने एफआईआर 0227 से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की एवं न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया।
जबकि न्यायालय ने सुरेश कुमार खन्ना के विरुद्ध याची द्वारा कोई एफआईआर दर्ज है अथवा नहीं के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था न्यायालय ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए पूछा कि क्या संबंधित शिकायत याचिका के मामले में कोई उचित एफआईआर दर्ज की गई है? जिसपर वृंदावन पुलिस द्वारा एक अन्य एफ़आईआर की रिपोर्ट सूचना कोर्ट में प्रस्तुत कर दी गई जो कि अन्य फर्जी वसीयत के विषय में थी जिसकी विवेचना अभी चल रही है न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह वास्तविक एफआईआर ( 04/2022 ) जिसमें वित्त मंत्री के हस्तक्षेप से संबंधित याचिकाकर्ता के आरोपों की शिकायत पर कोई मुकदमा पंजीकृत है या नहीं कि सही रिपोर्ट तीन दिन के भीतर प्रस्तुत करें इस मामले में सुप्रीमकोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता रीना सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक ‘ललिता कुमारी बनाम राज्य’ निर्णय का हवाला देते हुए ज़ोरदार तर्क रखा कि संज्ञेय अपराध की स्थिति में एफआईआर दर्ज करने हेतु कोई प्रारंभिक जांच आवश्यक नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज किया जाना कानूनन आवश्यक है नहीं तो अपराधी के साथ साथ अपराध को बढ़ावा देने वाले मंत्री भी कुछ न कुछ ग़लत करते रहेंगे। इस सुनवाई में अधिवक्ता ठाकुर किशन सिंह, पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन मथुरा, एवं सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता रीना एन. सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।