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‘बिहार भगवान भरोसे…’ ट्रैक्टर के नाम पर निवास प्रमाण पत्र के आवेदन पर तेजस्वी यादव का हमला

पटना, बिहार:
बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पहले कुत्ते ‘कुत्ता बाबू’ के नाम पर निवास प्रमाण पत्र का मामला सामने आया और अब ‘Sonalika ट्रैक्टर’ के नाम पर आवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन ने लोगों को चौंका दिया है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर सरकार पर करारा तंज कसा है और कहा कि अब बिहार सचमुच भगवान भरोसे चल रहा है।


🔹 क्या है पूरा मामला?

हाल ही में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया जिसमें Sonalika नामक ट्रैक्टर के लिए निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। यह आवेदन सरकारी सेवा केंद्र (CSC) के माध्यम से किया गया था। आवेदन में ट्रैक्टर को एक इंसान की तरह दर्ज कर दिया गया, जिसमें नाम, उम्र, पता जैसे कॉलम भी भरे गए थे।

ये कोई पहली बार नहीं हुआ है — इससे पहले, ‘कुत्ता बाबू’ नामक एक डॉग के लिए भी निवास प्रमाण पत्र का आवेदन सामने आया था, जिसे लेकर पहले ही सोशल मीडिया पर बिहार की व्यवस्था की खूब आलोचना हो चुकी है।


🔹 तेजस्वी यादव का तीखा हमला

इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्विटर (X) पर सरकार पर हमला करते हुए लिखा:

“बिहार अब भगवान भरोसे ही चल रहा है। पहले कुत्ते के नाम पर सर्टिफिकेट, अब ट्रैक्टर के नाम पर निवास प्रमाण पत्र! यही है नीतीश सरकार का डिजिटल और डबल इंजन मॉडल?”

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि जब आम जनता को सही प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहे हैं, तब सरकारी तंत्र जानवरों और मशीनों के नाम पर आवास प्रमाण पत्र जारी करने में व्यस्त है।


🔹 सरकार का जवाब

जब इस मामले को लेकर प्रशासन से सवाल पूछे गए, तो अधिकारियों ने इसे “तकनीकी त्रुटि” करार दिया और कहा कि “जांच की जा रही है कि यह शरारत किसी साइबर कैफे ऑपरेटर की है या सिस्टम में गड़बड़ी।”

एक अधिकारी ने बताया कि संबंधित सेवा केंद्र को नोटिस जारी किया गया है और ज़िम्मेदार व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।


🔹 बिहार की सरकारी सेवाओं की स्थिति पर सवाल

बिहार में डिजिटल सेवा प्रणाली को लेकर लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां फर्जीवाड़ा, गलत डेटा एंट्री, और बिना वेरिफिकेशन के आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ जनता की सुविधा प्रभावित होती है, बल्कि सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं।


🔹 सोशल मीडिया पर मज़ाक और गुस्सा

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने सरकार और सिस्टम की खूब खिंचाई की। किसी ने लिखा,

“अब तो मेरा मिक्सर ग्राइंडर भी निवास प्रमाण पत्र ले लेगा।”

तो किसी ने तंज कसा,

“नीतीश जी, आपके सिस्टम को तो अब AI नहीं, Animal Intelligence चला रही है!”


निष्कर्ष:

एक ओर जहां सरकार डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर ऐसे हास्यास्पद और शर्मनाक मामले बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलते हैं। तेजस्वी यादव का बयान भले ही राजनीतिक हो, लेकिन उसमें सच्चाई जरूर छिपी है कि बिहार में सिस्टम की गंभीर खामियां सामने आ रही हैं।

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बिहार में ट्रैक्टर के नाम पर निवास प्रमाण पत्र, तेजस्वी यादव का सरकार पर तंज

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