बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण रंगरा और गोपालपुर प्रखंड के कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ का पानी खेतों, घरों और सड़कों में घुसने से स्थानीय लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
स्कूल और सरकारी दफ्तरों में पानी
बाढ़ के कारण न केवल ग्रामीणों के घर डूब गए हैं, बल्कि कई सरकारी कार्यालय और स्कूल भी पानी में डूब चुके हैं। प्रशासन ने कुछ इलाकों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है। सरकारी कामकाज लगभग ठप पड़ गया है।
लोगों की मुश्किलें बढ़ीं
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ का पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि लोगों को अपना सामान सुरक्षित करने का समय भी नहीं मिला। कई परिवार ऊंची जगहों या बांधों पर शरण ले रहे हैं। नावों के सहारे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
फसलें बर्बाद
गांव के किसानों के लिए यह बाढ़ दोहरी मार लेकर आई है। एक तरफ मकान और सामान डूब गए, वहीं दूसरी ओर धान, मक्का और सब्जियों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
प्रशासन की तैयारी
नवगछिया प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए टीमें तैनात कर दी हैं। गोताखोर, नाव चालक और एनडीआरएफ की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में लोगों को निकाल रही हैं। वहीं, बाढ़ पीड़ितों के लिए अस्थायी राहत शिविर भी बनाए गए हैं, जहां भोजन और पीने के पानी की व्यवस्था की गई है।
स्वास्थ्य पर खतरा
बाढ़ के पानी में गंदगी और जानवरों के शव बहने से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। डॉक्टरों की टीम गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य जांच कर रही है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को डायरिया, बुखार और त्वचा रोग से बचाने की चेतावनी दी गई है।
स्थानीय लोगों की अपील
स्थानीय लोग सरकार से शीघ्र राहत राशि और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाढ़ के बाद पुनर्निर्माण में महीनों लग जाएंगे, ऐसे में आर्थिक सहायता और रोजगार की व्यवस्था तुरंत होनी चाहिए।