(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
नई दिल्ली।जब दुनिया के लोगों का पढने लिखने से कोई सरोकार नहीं था तब जहां पर नालंदा जैसा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय था जिसने वैशाली के रूप में दुनिया को पहला गणराज्य दिया जहां पर लिच्छवी के रूप में दुनिया का सबसे पहला लोकतंत्र स्थापित हुआ था जहां राजा का चुनाव जनता की राय से होता था, उस बिहार की गिनती एक पिछड़े प्रदेश के रूप में होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बातें सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट व यूके में सालिसिटर रीना एन सिंह ने कहीं। भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा मामले समेत सनातन व हिंदुत्व का पक्ष तमाम मामलों में अदालत में रखने वाली रीना एन सिंह का ससुराल बिहार के बांका में है। लोगों में बिहार की बहू के नाम से चर्चित व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पुस्तक लिखने वाली रीना एन सिंह ने कहा कि जिस बिहार की राजधानी पटना में गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म हुआ, जिसने डॉ राजेंद्र प्रसाद जी के रूप में देश को पहला राष्ट्रपति दिया और आज भी जिस बिहार से निकलकर सर्वाधिक संख्या में लोग देश के प्रशासनिक पदों पर बैठकर देश की सेवा कर रहे हैं ऐसा बिहार जो भगवान महावीर की जन्मस्थली है उस बिहार में बेरोजगारी और पलायन क्यों है।
नई दिल्ली , मुंबई हरियाणा और अन्य प्रदेशों में बिहार के युवा नौकरी के लिए पलायन करने के हेतु क्यों विवश है,उन्होंने कहा कि यहां पर जन्म लेने वाले लोग बड़े बड़े पदों पर पहुंच जाने के बाद बिहार की सुध क्यों नहीं लेते,उन्होंने कहा कि आने वाले बिहार के विधानसभा चुनाव में लोगों को बहुत सोच-समझकर फैसला लेना होगा और जातिवादी लोगों से दूर रहना होगा।
तभी नेता विकास , स्वास्थ्य, बेरोजगारी, शिक्षा व पलायन पर बात करेंगे नहीं तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी।ज्ञात हो कि रीना एन सिंह देश की जानी-मानी अधिवक्ता व सोशल वर्कर हैं। कई सामाजिक संगठनों से जुड़ी व संसद से पास वक्फ संशोधन कानून में सरकार के समर्थन में याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता रीना एन सिंह के बारे में राजनीति में आने की सुगबुगाहट है लेकिन उन्होंने अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं किया है।