(शीतल निर्भीक ब्यूरो )
वाराणसी।विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सशक्त कदम उठाया है। मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में तथा वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (Enhm) अभिषेक राय के नेतृत्व में 22 मई से 05 जून तक ‘‘विश्व पर्यावरण संरक्षण पखवाड़ा’’ मनाया जा रहा है।

इस पहल का उद्देश्य रेल परिसर, रेलवे कॉलोनियों और आम यात्रियों के बीच पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर जागरूकता रैलियों, सफाई अभियानों और रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
1 जून को बनारस स्टेशन से इसकी जोरदार शुरुआत हुई, जहाँ स्वच्छता और हरियाली को लेकर जागरूकता रैली निकाली गई। यात्रियों से अपील की गई कि परिसर को स्वच्छ रखें और प्लास्टिक का उपयोग न करें।

वाराणसी सिटी स्टेशन और वहाँ की कॉलोनी में भी “कूड़ा कूड़ेदान में डालो, पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ” जैसे नारों के साथ रैली निकाली गई। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने के लिए अधिकाधिक पौधरोपण का संदेश दिया गया।
आजमगढ़ स्टेशन पर विशेष सफाई अभियान चलाया गया। यात्रियों के बीच पर्यावरण को लेकर रैली निकाली गई। इसके अलावा बच्चों के लिए ड्राइंग और निबंध प्रतियोगिता आयोजित कर उन्हें पर्यावरण का प्रहरी बनने के लिए प्रेरित किया गया।

भटनी जंक्शन पर निकाली गई रैली में “प्लास्टिक मुक्त स्टेशन” की प्रतिज्ञा ली गई। कॉलोनीवासियों और यात्रियों को पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाया गया।
छपरा जंक्शन स्थित रेलवे कॉलोनी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने ड्रॉइंग व पेंटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। चित्रों और रंगों के माध्यम से पर्यावरण बचाने का सुंदर संदेश दिया गया।
गाजीपुर सिटी स्टेशन और उसकी कॉलोनी में भी साफ-सफाई के साथ रैली निकाली गई। वहीं प्रयागराज रामबाग स्टेशन पर भी यात्रियों और स्थानीय निवासियों को पर्यावरण बचाने की शपथ दिलाई गई।
सिर्फ स्टेशनों और कॉलोनियों तक ही नहीं, मंडल के अन्य प्रमुख स्टेशनों पर भी यह अभियान पूरे जोश के साथ मनाया जा रहा है। रेलवे ने चौपाल, जनजागरूकता कार्यशालाएं, पंपलेट वितरण, सेल्फी पॉइंट और सामूहिक श्रमदान के माध्यम से जागरूकता फैलाई।
हर स्टेशन, हर कॉलोनी, हर कर्मचारी और हर यात्री को यह संदेश दिया गया कि “पर्यावरण है तो जीवन है।” यह अभियान सिर्फ एक पखवाड़ा नहीं, बल्कि भावनाओं और जिम्मेदारियों का संगम बन गया है।
जनसम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि इस पहल से पर्यावरण के प्रति जो चेतना फैली है, वह आगे आने वाले समय में रेलवे परिवार और यात्रियों को प्रकृति के प्रति और अधिक सजग बनाएगी।
रेलवे का यह प्रयास यह दर्शाता है कि अगर संस्था और समाज साथ चलें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। पूर्वोत्तर रेलवे का यह हरित संदेश न सिर्फ ट्रेनों की पटरियों पर गूंजा, बल्कि लोगों के दिलों में भी हरियाली के बीज बो गया।