(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं को एक ऐतिहासिक सौगात मिली है। हाईकोर्ट परिसर में नवनिर्मित आधुनिक अधिवक्ता चैंबर्स और मल्टीलेवल पार्किंग का उद्घाटन भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस ऐतिहासिक पल पर अधिवक्ता अनिल सिंह बिसेन ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह क्षण इलाहाबाद हाईकोर्ट के गौरवशाली इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है।

इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता श्री बिसेन ने कहा कि यह परियोजना अधिवक्ताओं की वर्षों पुरानी जरूरत थी, जिसे अब साकार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सपना तब और खास बन गया जब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकता बताया। योगी ने उद्घाटन समारोह में स्पष्ट कहा कि वे उत्तर प्रदेश के प्रत्येक अधिवक्ता को टीन, छपरा और मड़ई जैसे अस्थायी चैंबर से मुक्ति दिलाना चाहते हैं, और यह परियोजना उसी प्रतिबद्धता की परिणति है।
680 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह भव्य बिल्डिंग 20 लाख वर्गफीट में फैली है। इसमें अधिवक्ताओं के लिए 2366 वातानुकूलित चैंबर बनाए गए हैं, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इसके अतिरिक्त, भूतल पर 1552 दोपहिया वाहनों की पार्किंग और प्रथम तल से लेकर पंचम तल तक कुल 2283 चार पहिया वाहनों की मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जिससे अधिवक्ताओं और न्यायालय आने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
अनिल सिंह बिसेन ने कहा कि भले ही चैंबर छोटे केबिन जैसे हों, लेकिन अधिवक्ताओं को वर्षों से जिस असुविधा का सामना करना पड़ रहा था, उससे अब मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने न केवल अधिवक्ताओं के लिए बुनियादी ढांचे को बेहतर किया है, बल्कि उनके कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक फैसले भी लिए हैं।
परियोजना के अन्य प्रमुख आकर्षणों में 12वें तल पर बना विशाल वातानुकूलित पुस्तकालय और सभागार शामिल है, जो 20 हजार वर्गफीट में फैला हुआ है। साथ ही 6वें और 9वें तल पर अधिवक्ताओं के लिए आधुनिक कैंटीन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। इस संपूर्ण संरचना को देखकर स्पष्ट होता है कि सरकार ने भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दूरदर्शी योजना बनाई है।
बिसेन ने कहा कि यह न केवल एशिया की सबसे बड़ी बार एसोसिएशन के लिए गौरव की बात है, बल्कि यह विश्वस्तर पर भारत की न्यायिक व्यवस्था की क्षमता और आधुनिकता का परिचायक भी है। उन्होंने कहा कि उद्घाटन समारोह में शामिल होकर उन्होंने स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस किया और यह सपना अब हर अधिवक्ता के लिए नई उम्मीद की किरण बन चुका है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट, जो अपने ऐतिहासिक फैसलों और प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है, अब अपने अधिवक्ताओं को वैश्विक स्तर की सुविधाएं भी प्रदान कर रहा है। अनिल सिंह बिसेन का मानना है कि यह निर्माण न्यायिक प्रणाली के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर अधिवक्ताओं में उत्साह और संतोष का भाव देखा गया। लंबे समय से जिन सुविधाओं की कमी महसूस की जा रही थी, वह अब एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो गई हैं। बिसेन ने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए यह भवन एक नए युग की शुरुआत है, जिसे देखकर हर व्यक्ति को गर्व महसूस होगा।
इस तरह इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं को जो नई पहचान मिली है, वह न केवल सुविधा का प्रतीक है, बल्कि सम्मान और गरिमा का भी उदाहरण है। यह उद्घाटन निश्चित रूप से न्यायिक व्यवस्था के सुनहरे भविष्य की नींव है।