(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
वाराणसी। मंडल रेल प्रबंधक विनीते कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन और वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (EnHM) अभिषेक राय के नेतृत्व में वाराणसी मंडल में 22 मई से 5 जून तक “विश्व पर्यावरण संरक्षण पखवाड़ा” मनाया जा रहा है। इस अवसर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा नामित स्टेशनों के साथ-साथ अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशनों और कॉलोनियों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

इसी क्रम में 3 जून 2025 को बनारस स्टेशन पर यात्रियों को प्लास्टिक की बोतलों की जगह घर से लाए थर्मस या मेटल की बोतलों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया गया। साथ ही, भोजन के लिए प्लास्टिक की थैलियों के स्थान पर घर के टिफिन का उपयोग करने की अपील की गई। यात्रियों को प्लास्टिक के घातक प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई और “पर्यावरण बचाओ, जीवन बचाओ” का संदेश देते हुए जागरूकता रैली भी निकाली गई।
इसी दिन वाराणसी सिटी स्टेशन पर भी जल संरक्षण और प्लास्टिक से बचाव को लेकर रैली आयोजित की गई। यात्रियों से अपील की गई कि वे पानी मेटल या थर्मस की बोतलों में रखें और अनावश्यक पानी बर्बाद न करें। “जल ही जीवन है” जैसे नारों के जरिए यात्रियों को जागरूक किया गया।
प्रयागराज के रामबाग स्टेशन पर भी पर्यावरण संरक्षण सप्ताह के तहत इसी तरह की गतिविधियां आयोजित की गईं। वहां भी यात्रियों को थर्मस बोतलों और घर के टिफिन के उपयोग के लिए प्रेरित किया गया। रैली के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि प्लास्टिक का प्रयोग न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है।
मऊ रेलवे कॉलोनी में 3 जून को पर्यावरण संरक्षण रैली निकाली गई, जिसमें कॉलोनीवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। “पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ” जैसे नारों के माध्यम से प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता फैलाई गई।
इसी दिन छपरा में रेलवे कर्मचारियों ने स्टेशन परिसर में बैनर-पोस्टर के जरिए यात्रियों को जागरूक किया। यहां यात्रियों से अपील की गई कि वे जूट के थैलों और स्टील की पानी की बोतलों का उपयोग करें तथा प्लास्टिक से दूरी बनाकर पेड़ों और पर्यावरण की रक्षा करें।
इस व्यापक अभियान के माध्यम से वाराणसी मंडल ने यह संदेश दिया कि पर्यावरण संरक्षण सिर्फ एक दिन का काम नहीं, बल्कि हर दिन की जिम्मेदारी है। जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने मीडिया को बताया कि रेलवे पर्यावरण सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस तरह के आयोजनों से जनमानस में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है।