वाराणसी मंडल ने मनाया अंतरराष्ट्रीय समपार जागरूकता दिवस!
नुक्कड़ नाटकों से दी सुरक्षा की सीख…
(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
वाराणसी। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल ने यात्रियों की सुविधाओं के साथ-साथ आम जनता की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन और वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी बलेन्द्र पाल के नेतृत्व में 5 जून को अंतरराष्ट्रीय समपार जागरूकता दिवस पूरे मंडल में प्रभावशाली ढंग से मनाया गया।

इस अवसर पर उप मुख्य संरक्षा अधिकारी (सिगनल) राजेश शर्मा, वरिष्ठ परिचालन प्रबंधक (संरक्षा) संजय कुमार कन्नौजिया और सहायक मंडल संरक्षा अधिकारी अभिषेक कुमार की निगरानी में सेफ्टी काउंसलरों की टीम ने बनारस, वाराणसी सिटी और बनारस-औड़िहार रेल खंड के भीड़भाड़ वाले समपारों पर जागरूकता अभियान चलाया। भारत स्काउट एंड गाइड के सदस्यों की मदद से नुक्कड़ नाटकों के ज़रिए लोगों को रेलवे ट्रैक पार करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया।
नुक्कड़ नाटकों के जरिए यह सन्देश दिया गया कि रेलवे क्रासिंग पर आते समय वाहन सही गियर में हो, ईयरफोन और ध्वनि विस्तारकों का उपयोग न करें, और गेटमैन पर समपार खोलने के लिए अनावश्यक दबाव न बनाएं। “जीवन समय से अधिक मूल्यवान है”, “बंद समपार के नीचे से न जाएं” जैसे स्लोगनों का भी बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया गया।

बनारस-हरदत्तपुर रेल खंड के समपार फाटक सं-5B, मोहनसराय में 10 स्पेशल, राजातालाब में 12C और 13 स्पेशल तथा वाराणसी सिटी-सारनाथ रेल खंड पर पड़ने वाले व्यस्ततम समपारों पर विशेष अभियान चलाया गया। इस दौरान आसपास के नागरिकों, स्कूली बच्चों और सड़क उपयोगकर्ताओं को सड़क और रेलवे समपार सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया।
रेलवे सुरक्षा बल की मदद से गांवों, ब्लॉकों, आंगनबाड़ी केंद्रों और विद्यालयों में जाकर काउंसलिंग और जाँच अभियान भी चलाया गया, जहां लोगों को ट्रैक पार करते समय बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया गया। साथ ही यह बताया गया कि रेलवे क्रासिंग से गुजरते समय ट्रेनों के मूवमेंट का पूरा ध्यान रखें और लापरवाही से बचें।
सेफ्टी काउंसलरों विजय यादव, अविनाश, उपेंद्र, संजय, चंदन कुमार और शशांक शर्मा ने रेलवे सुरक्षा बल के साथ मिलकर संवेदनशील रेलवे क्रॉसिंगों के पास बाज़ारों, पेट्रोल पंपों, दुकानों, स्कूलों और कोचिंग सेंटरों के पास “1-रुकिए, 2-देखिए, 3-तब जाईये” के नारे के साथ लोगों को जागरूक किया।
अभियान के दौरान 2000 पंपलेट, 1200 संरक्षा बैग और 1000 संरक्षा डायरी आम जनता और सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच वितरित की गईं। यह पहल न केवल लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में सहायक रही, बल्कि लोगों को यह समझाने में भी कामयाब रही कि एक छोटी सी गलती जीवन पर भारी पड़ सकती है।
पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 26 लेवल क्रॉसिंग को लो हाइट सबवे, डायरेक्ट क्लोजर और मर्जर के माध्यम से समाप्त किया गया है। अब मानवयुक्त समपारों को भी रोड अंडर ब्रिज और रोड ओवर ब्रिज के ज़रिए चरणबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है। इन तमाम प्रयासों का सकारात्मक असर यह रहा कि पिछले साल समपारों पर एक भी परिणामी दुर्घटना नहीं हुई।
जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने मीडिया को बताया कि रेलवे भविष्य में भी इसी तरह आम जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता रहेगा और समपारों पर दुर्घटनाओं को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में प्रतिबद्ध है।