**(शीतल निर्भीक ब्यूरो)*
गोरखपुर जनपद स्थित प्रसिद्ध तरकुलहा माता मंदिर में निरजला एकादशी के पावन अवसर पर श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। हजारों श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की लोकप्रिय राज्यमंत्री एवं सलेमपुर की विधायिका विजय लक्ष्मी गौतम ने भी विशेष रूप से मंदिर पहुंचकर मां तरकुलहा सहित समस्त देवी-देवताओं के दर्शन किए और लोकमंगल की कामना की।

राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम का आगमन मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के बीच उत्साह का केंद्र बन गया। जैसे ही वह मंदिर पहुंचीं, जय माता दी के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। उन्होंने विधिवत पूजन-अर्चन किया और भगवान विष्णु से प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि और जनकल्याण की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि निरजला एकादशी का यह पावन दिन आत्मचिंतन और सेवा का प्रतीक है। भगवान विष्णु की कृपा से सभी के जीवन में सुख, शांति और सद्भावना बनी रहे, यही मेरी मंगलकामना है।

जनता के बीच सहज, सरल और जमीन से जुड़ी छवि के कारण विजय लक्ष्मी गौतम की लोकप्रियता हर वर्ग में है। मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं ने राज्यमंत्री से मुलाकात की, आशीर्वाद लिया और कई लोगों ने उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। उनकी उपस्थिति ने धार्मिक कार्यक्रम को एक खास गरिमा प्रदान की।

राज्यमंत्री ने मंदिर प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की भी सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजनों में व्यवस्थाओं का सुचारु संचालन आस्था को और बल देता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है और तरकुलहा धाम जैसे स्थलों का विकास सरकार की प्राथमिकता में है।निरजला एकादशी के अवसर पर मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया था।

भव्य झांकियां, दीपों की श्रृंखला और गूंजते भजन वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे। श्रद्धालु व्रत रखकर मां के दर्शन करने पहुंचे और निर्जल रहकर भगवान विष्णु का स्मरण किया।राज्यमंत्री ने कहा कि आस्था से बड़ा कोई बल नहीं होता। जब भावनाएं निर्मल हों और सेवा का भाव हो, तो ईश्वर स्वयं मार्ग प्रशस्त कर देते हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि समाज में सकारात्मकता, सेवा और सहयोग की भावना बनाए रखें, यही सच्ची भक्ति है।

कार्यक्रम के अंत में राज्यमंत्री ने मंदिर से निकलते समय पुनः सभी को निरजला एकादशी की शुभकामनाएं दीं और प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना के साथ अपने क्षेत्र के लिए रवाना हो गईं। उनकी इस उपस्थिति ने न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा दी, बल्कि यह संदेश भी दिया कि राजनीति के साथ-साथ धर्म और संस्कृति के प्रति भी उत्तर प्रदेश सरकार गहराई से जुड़ी है।