भारतीय वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है, जिससे अब दिल की बीमारियों का पता मात्र एक बूंद खून से लगाया जा सकेगा। यह तकनीक खासतौर पर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जहां बड़े अस्पताल या जांच सुविधाएं मौजूद नहीं हैं।
यह डिवाइस खून में मौजूद ट्रोपोनिन नामक प्रोटीन की मात्रा को मापकर यह बता सकती है कि व्यक्ति को हार्ट अटैक का खतरा है या नहीं। इस परीक्षण में न तो ज्यादा समय लगता है और न ही किसी महंगे उपकरण की जरूरत होती है।
इस तकनीक को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और मेडिकल संस्थानों ने मिलकर तैयार किया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह डिवाइस आने वाले समय में घर पर भी इस्तेमाल की जा सकेगी। इससे समय रहते इलाज संभव होगा और जान बचाई जा सकेगी।
यह शोध अभी ट्रायल स्टेज में है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 6 महीनों में इसे आम जनता के लिए भी उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे देश में दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों में भारी कमी आने की संभावना है।