बिहार के समस्तीपुर जिले की बेटी, अंजलि कुमारी, ने वो कर दिखाया जिसकी सिर्फ कल्पना की जा सकती है। गरीबी, संसाधनों की कमी और सामाजिक दबावों को पीछे छोड़ते हुए अंजलि ने NASA (नासा) में बतौर Junior Space Scientist नियुक्त होकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है।🚀 कठिनाइयों से भरी रही यात्रा:अंजलि का जन्म एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। बचपन से ही वह तारों और ग्रहों को देखकर रोमांचित हो जाती थीं। लेकिन गांव में ना तो कोचिंग थी, ना किताबें, ना ही इंटरनेट।पढ़ाई मिट्टी के चूल्हे की रोशनी में हुई।खेतों में काम करके ट्यूशन की फीस भरी।लड़कियों की पढ़ाई रोकने वाली सोच से भी लड़ी।🎓 प्रेरणा बनी मां:अंजलि बताती हैं, “मेरी मां खुद कभी स्कूल नहीं जा सकीं, लेकिन उन्होंने मुझे हर हाल में पढ़ाने का फैसला किया। जब कभी मैं हार मानने लगती, मां का सपना मुझे खींचकर फिर से खड़ा कर देता।”🛰️ नासा तक का सफर:इंटरमीडिएट में 95% अंक लाने के बाद अंजलि को दिल्ली में स्कॉलरशिप पर पढ़ाई का मौका मिला।वहां साइंस ओलंपियाड में जीत के बाद उनका नाम NASA की रिसर्च टीम में भेजा गया।2025 में उन्होंने अमेरिका जाकर इंटरनशिप की और अब उन्हें जूनियर वैज्ञानिक के पद पर नियुक्त किया गया है।🇮🇳 देश भर से मिल रही बधाइयां:प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री, और सोशल मीडिया पर लाखों लोग अंजलि को बधाई दे रहे हैं। ये खबर हर उस लड़की के लिए उम्मीद की किरण है जो सीमित संसाधनों में भी सपने देखती है।🔚 निष्कर्ष:अंजलि की कहानी यह साबित करती है कि अगर इरादा पक्का हो, तो रास्ता खुद बन जाता है। यह सिर्फ एक सफलता नहीं, बल्कि लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा है कि गांव से लेकर ब्रह्मांड तक कोई भी सपना नामुमकिन नहीं।