बरसात का मौसम जहां एक तरफ राहत लाता है, वहीं दूसरी तरफ कई बीमारियों की वजह भी बनता है। हाल ही में देश के कई हिस्सों में डेंगू और वायरल फीवर के मामले तेज़ी से बढ़े हैं। अस्पतालों में बुखार, शरीर दर्द, सिरदर्द और कमजोरी की शिकायत लेकर लोग पहुँच रहे हैं।
🦟 डेंगू और वायरल फीवर कैसे फैलते हैं?
डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होती है। वहीं मानसून में गंदगी, जमा पानी और नमी के कारण बैक्टीरिया और वायरस पनपते हैं, जो वायरल इंफेक्शन को बढ़ाते हैं।
लक्षण क्या होते हैं?
- लगातार तेज़ बुखार
- सिरदर्द और आंखों के पीछे दर्द
- शरीर में कमजोरी और थकान
- स्किन पर लाल चकत्ते (डेंगू में)
- गले में खराश और सर्दी-जुकाम (वायरल में)
👨⚕️ डॉक्टरों की सलाह:
विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। बुखार 2-3 दिन से ज़्यादा बना रहे तो तुरंत जांच करवाएं और खुद से दवाइयाँ ना लें।
बचाव के 7 ज़रूरी उपाय:
- घर के आस-पास पानी जमा न होने दें
- पूरी बाजू के कपड़े पहनें
- मच्छरदानी और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें
- बारिश का पानी पीने से बचें
- पौष्टिक आहार लें जिससे इम्युनिटी मजबूत हो
- साफ-सफाई पर ध्यान दें
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
🛑 क्या न करें?
- बिना टेस्ट के कोई दवा ना लें
- बुखार में पेन किलर से बचें (डेंगू में खतरनाक हो सकता है)
- वायरल समझकर लापरवाही न करें
निष्कर्ष:बरसात के मौसम में हेल्थ को लेकर ज़रा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। सही जानकारी, साफ-सफाई और समय पर इलाज ही डेंगू और वायरल से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।