(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
**सुप्रीम कोर्ट की वकील रीना सिंह का बड़ा बयान – ‘मंत्री के खिलाफ तुरंत हो एफआईआर वरना बढ़ेगा भ्रष्टाचार'”*
मथुरा की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में आज एक बड़ा मोड़ आने वाला था जब उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर फैसला आना था, लेकिन न्यायाधीश छवि शर्मा के अचानक छुट्टी पर चले जाने से यह सुनवाई टल गई। यह मामला सनातन धर्म रक्षापीठ वृंदावन द्वारा दायर की गई याचिका से जुड़ा है जिसमें मंत्री पर भ्रष्टाचारियों को बचाने, विजिलेंस जांच में दखल देने और भूमाफियाओं को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

कोर्ट रूम में मौजूद सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता रीना एन सिंह ने ‘ललिता कुमारी बनाम राज्य’ मामले का हवाला देते हुए जोरदार तर्क दिया कि संज्ञेय अपराध की स्थिति में तुरंत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और इसमें कोई प्रारंभिक जांच जरूरी नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मंत्री जैसे उच्च पदस्थ लोगों के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं होगी तो भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता रहेगा। इससे पहले कोर्ट ने वृंदावन पुलिस द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर नाराजगी जताई थी और इसे गुमराह करने का प्रयास बताया था क्योंकि पुलिस ने मामले से संबंधित एफआईआर की बजाय एक अन्य मामले की रिपोर्ट पेश कर दी थी।
कोर्ट ने पुलिस को तीन दिन के भीतर सही रिपोर्ट पेश करने का सख्त निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता और सनातन धर्म रक्षापीठ के अध्यक्ष कौशल किशोर ठाकुर ने आरोप लगाया है कि मंत्री खन्ना ने अवैध रूप से आश्रमों की जमीन पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए विजिलेंस जांच में अनुचित हस्तक्षेप किया है। इस मामले में मथुरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ठाकुर किशन सिंह भी याचिकाकर्ता की तरफ से मौजूद रहे।
अब सभी की निगाहें अगली सुनवाई पर टिकी हैं जिसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन यह मामला राज्य की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर सकता है क्योंकि इसमें एक वरिष्ठ मंत्री के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं और न्यायपालिका ने पहले ही इस पर सख्त रुख अपनाया है।