(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
नई दिल्ली। सेना में वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद रिटायर्ड हुए जवान सीबी गुप्ता का जब घर वापसी हुआ तो उनके स्वागत में मानो पूरा माहौल देशभक्ति से सराबोर हो उठा। दिल्ली की यूनिट से भावभीनी विदाई के बाद जैसे ही वे जयपुर पहुंचे, रिश्तेदारों और परिजनों ने मिलकर उनका भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया।

सीबी गुप्ता की विदाई दिल्ली में गाजे-बाजे के साथ बड़े सम्मान के साथ की गई। उनके साथ काम कर चुके जवानों ने आंखों में आंसू और चेहरे पर गर्व के साथ उन्हें सलामी दी। यूनिट के अधिकारियों ने कहा कि गुप्ता न सिर्फ एक बेहतरीन सैनिक रहे, बल्कि उन्होंने अनुशासन और नेतृत्व के क्षेत्र में भी मिसाल कायम की।

जयपुर पहुंचते ही जैसे ही वे स्टेशन पर उतरे, उनका स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया। परिजनों और नाते-रिश्तेदारों ने फूल-मालाएं पहनाईं, ढोल-नगाड़ों के साथ उनके जयकारे लगाए गए। उनके सम्मान में खास तौर पर एक समारोह आयोजित किया गया जिसमें इलाके के गणमान्य लोगों सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

सीबी गुप्ता की बड़ी बहू कर्निका गुप्ता ने उन्हें तिलक लगाकर आरती उतारी और उनके सुखमय जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि “पिताजी की सेवा, त्याग और देशभक्ति हम सबके लिए प्रेरणा है। उनका व्यक्तित्व ही हमारे परिवार की शान है।

“रिटायर्ड फौजी चंद्रभान गुप्ता की दोनों बेटियां—सविता गुप्ता और ज्योति गुप्ता भी इस मौके पर मौजूद रहीं। उन्होंने मंच से बोलते हुए कहा, “हम बचपन से ही पापा को वर्दी में देखकर गर्व महसूस करते थे। आज जब वे सेवा से रिटायर होकर लौटे हैं, तो हमें लगता है जैसे कोई योद्धा युद्ध जीतकर लौटा हो।
“परिवार और मोहल्ले के लोग भी उनके स्वागत में पीछे नहीं रहे। कुछ लोगों ने कहा कि “सीबी गुप्ता न सिर्फ फौज में बल्कि समाज में भी अनुशासन और संस्कार के प्रतीक हैं।” समारोह में बच्चों ने देशभक्ति गीत गाए, बुजुर्गों ने उनके अनुभवों को सुना और युवाओं ने उनसे प्रेरणा ली।
कार्यक्रम के अंत में गुप्ता ने खुद मंच से बोलते हुए कहा, “सेना मेरी जिंदगी रही है। मैंने देश की सेवा को अपना धर्म माना। लेकिन अब मैं अपने परिवार के साथ रहकर समाज सेवा के क्षेत्र में भी योगदान दूंगा।
“उनकी यह बात सुनकर पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। लोग उनके साथ तस्वीरें खिंचवाने के लिए उत्साहित दिखे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और एकजुटता के संदेश के साथ किया गया।
सीबी गुप्ता का यह स्वागत साबित करता है कि जो देश की सेवा करता है, वह देशवासियों के दिल में हमेशा जिंदा रहता है। उनकी रिटायरमेंट को महज़ एक पड़ाव नहीं, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है।