वाराणसी मंडल में प्रशिक्षण कार्यशाला में सिखाए गए जीवन रक्षक उपाय
(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
वाराणसी। जीवन की आपाधापी में जब विपदा सिर उठाती है, तब सबसे पहले जो मदद के लिए खड़े नजर आते हैं, वे होते हैं – सिविल डिफेंस के बहादुर वालेंटियर। बनारस स्टेशन और बनारस कोचिंग डिपो के संयुक्त प्रशिक्षण केंद्र पर 27 व 28 मई को आयोजित दो दिवसीय सिविल डिफेंस मासिक बैठक एवं प्रशिक्षण कार्यशाला इसी भावना की मिसाल बनी।
इस कार्यशाला का आयोजन मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में और वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी बलिंदर पाल की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला में मौजूद वालेंटियरों को आपदा प्रबंधन की बारीकियों से अवगत कराया गया। उन्हें अग्निशमन, सर्पदंश, हृदयाघात जैसी जटिल परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देना सिखाया गया।

प्रशिक्षण में वालेंटियरों को आग बुझाने, कृत्रिम स्वास (CPR), प्राथमिक चिकित्सा, और विष नियंत्रण जैसे जीवन रक्षक उपायों का व्यावहारिक अभ्यास कराया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि सिविल डिफेंस एक स्वैच्छिक आपातकालीन सेवा है जो फ्रंटलाइन सुरक्षा बलों के साथ मिलकर काम करती है। ये वालेंटियर राष्ट्रीय और स्थानीय आयोजनों में भी प्राथमिक चिकित्सा जैसी सेवाएं देते हैं।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि सिविल डिफेंस वालेंटियर का मूल कर्तव्य है – नागरिकों की सुरक्षा। चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो, मानवजनित संकट हो या फिर कोई शत्रुतापूर्ण हमला – वालेंटियर हर परिस्थिति में तैयार रहते हैं। उनका उद्देश्य है – जान-माल की रक्षा और अस्थिरता को रोकना।

कार्यशाला में बताया गया कि ये वालेंटियर स्कूलों में जागरूकता फैलाते हैं, सरकारी कार्यालयों में प्रशिक्षण देते हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को आपदा के प्रति सजग करते हैं। उन्हें प्राकृतिक आपदाओं की अग्रिम चेतावनी पर जनता को सतर्क करने, संवेदनशील इलाकों से निकासी कराने, खोज-बचाव अभियानों में सहयोग करने और राहत सामग्री वितरित करने का विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
इस दौरान अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी ने मीडिया को बताया कि सिविल डिफेंस एक समुदाय-आधारित संगठन है, जो हर विपत्ति की घड़ी में मानवता का प्रहरी बनकर सामने आता है।
कार्यशाला में शिव शंकर सिंह, देवानंद यादव, अनिल यादव, भगुनाथ यादव, आदित्य भंडारी, पप्पू कुमार, अतुल मिश्रा, संजय कुमार सिंह, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, शाहब हुसैन सहित अनेक अधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।
सच कहा जाए तो जब कोई संकट दस्तक देता है, तो सायरन की आवाज के पहले इन वालेंटियरों के कदम चल पड़ते हैं – ताकि दूसरों की जिंदगी बचाई जा सके। यही है सिविल डिफेंस की असली ताकत – निस्वार्थ सेवा और साहस से भरा दिल।