एक ख्याल से शुरू होती है हर कहानी, बस एक दृढ़ संकल्प है नींव मज़बूत, शुरुआत में सुबह के कोहरे की तरह धुंधला सा लगता है हर सपना।
पहली कड़ी हो गई पूरी जब तुमने ठान ली, दूसरी कड़ी है अब मेहनत और लगन की, गांव की ओर जानेवाले पथरीले डगर की तरह अड़चनों से भरा लगता है हर सपना।
हार- जीत की होड़ लगी ही रहेगी, बेबस बन सवाल भी सुन्न हो जाएंगे, ढलती उम्र के संग जवानी की तरह, टूटता- निखरता लगता है हर सपना।
सांसों का चलना ही एक संघर्ष है, नित सच्चाई पर खरा उतरना नहीं आसान, साक्षात्कार हुए उस भक्त की तरह, प्रेरणात्मक कहानी रचता है हर सपना
नामुमकिन तो कुछ भी नहीं, सपनों को साकार करना भी एक हुनर है।।
सीता प्रसाद