हरियाणा, जुलाई 2025:
जहां अधिकतर लोग परीक्षा के नाम से ही तनाव में आ जाते हैं, वहीं हरियाणा में एक महिला ऐसी भी थी जो परीक्षा देने के लिए अपने प्रसव पीड़ा के बावजूद परीक्षा केंद्र पहुंच गई।
और फिर जो हुआ — उसने सभी को हैरान, भावुक और प्रेरित कर दिया।
हरियाणा के सिरसा जिले के एक CET (Common Eligibility Test) परीक्षा केंद्र पर एक गर्भवती महिला उम्मीदवार ने बेटे को जन्म दिया, और खास बात ये रही कि उसने अपने नवजात शिशु का नाम “एग्जाम” रख दिया।
👩🍼 क्या हुआ था?
ये घटना रविवार सुबह की है जब CET परीक्षा के लिए अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे थे।सिरसा जिले के एक केंद्र पर 26 वर्षीय सीमा (परिवर्तित नाम) परीक्षा देने पहुंचीं। वे लगभग 9 महीने की गर्भवती थीं, फिर भी उन्होंने परीक्षा को मिस नहीं किया।
परीक्षा शुरू होने से कुछ ही देर पहले सीमा को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।
परीक्षा केंद्र पर उपस्थित स्टाफ और अन्य महिलाओं ने उन्हें संभाला और तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
🏥 अस्पताल में जन्मा “एग्जाम”
सीमा को पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया।
सीमा और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं।
जब डॉक्टरों ने नाम पूछा, तो सीमा मुस्कराते हुए बोलीं —मैं परीक्षा देने आई थी, ये मेरा सबसे बड़ा एग्जाम था… इसलिए मैंने अपने बेटे का नाम ‘एग्जाम’ रखा है।”
🎉 लड्डू बांटे गए परीक्षा केंद्र पर
सीमा की बहन और परिवार के अन्य सदस्य परीक्षा केंद्र वापस लौटे और वहाँ मिठाई (लड्डू) बांटे।
परीक्षा केंद्र के स्टाफ और अन्य अभ्यर्थियों ने भी बच्चे के नामकरण पर खुशी जताई।
एक महिला अधिकारी ने कहा,
“यह हमारे लिए पहली बार था जब किसी महिला ने परीक्षा देने आते वक्त बच्चे को जन्म दिया। हम सब गर्वित हैं।”
🌟 समाज को दिया संदेश
सीमा की इस हिम्मत और जज़्बे को सोशल मीडिया पर भी सराहा जा रहा है।
लोगों ने कहा कि वह “सच्ची फाइटर” है जिसने मां बनने की प्रक्रिया और शिक्षा के प्रति समर्पण — दोनों को एकसाथ निभाया।
💬 प्रशासन की ओर से मदद
स्थानीय शिक्षा अधिकारियों और अस्पताल प्रशासन ने सीमा को विशेष सुविधा और आर्थिक सहायता देने की बात कही है।
हो सकता है कि उन्हें भविष्य में किसी विशेष योजना के तहत मदद दी जाए।
✅ निष्कर्ष:
हरियाणा की ये खबर सिर्फ एक महिला के माँ बनने की नहीं है — यह उसके जज़्बे, शिक्षा के प्रति समर्पण और आत्मविश्वास की कहानी है।
सीमा जैसी महिलाएं समाज को बताती हैं कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, अगर इरादा मजबूत हो तो हर “एग्जाम” पास किया जा सकता है।