*(शीतल निर्भीक ब्यूरो)*
नई दिल्ली।देश में जिस दिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की शांत वादियां खून से लाल हुई थीं, उसी दिन भारत ने तय कर लिया था अब जवाब खामोशी से नहीं, धमाके से दिया जाएगा। और वही हुआ। 22 अप्रैल को 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकियों के खिलाफ भारत ने ऐसा प्रतिशोध लिया, जिसे पूरी दुनिया ने देखा और दुश्मनों ने महसूस किया।
मंगलवार देर रात भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के भीतर 9 आतंकी ठिकानों को मिसाइलों से ध्वस्त कर दिया। ये हमला इतना सटीक और तेज था कि आतंकियों को भागने का मौका तक नहीं मिला। बहावलपुर, मुरीदके, रावलपिंडी हर जगह तबाही का मंजर था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्रवाई पर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर “जय हिंद और जय हिंद की सेना” लिखते हुए भारतीय जवानों के साहस को सलाम किया। उनके पोस्ट के साथ साझा की गई ऑपरेशन सिंदूर की तस्वीर सोशल मीडिया पर वीर रस की लहर दौड़ा गई।

सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने की खबर है, जबकि दर्जनों घायल हैं। खास बात ये है कि इस बार आतंकियों के परिवार भी चपेट में आ गए। जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर हुए हमले में कई आतंकियों के रिश्तेदार और बच्चे भी मारे गए। यही नहीं, इस हमले में खुद आतंकी सरगना मसूद अजहर के भतीजे और भाई के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

बताया जा रहा है कि अपने लोगों के शव देखकर पहली बार मसूद अजहर का दिल काँप उठा। उसने रोते हुए कहा, “अच्छा होता मैं भी मारा जाता… अब समझ में आया कि अपनों को खोने का दर्द क्या होता है।”
यह वही दर्द है, जो पहलगाम में मारे गए 26 निर्दोष भारतीयों के परिवार आज तक महसूस कर रहे हैं। फर्क बस इतना है — भारत ने रोकर जवाब नहीं दिया, उसने दहाड़ कर बदला लिया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा “सेना ने फिर दिखा दिया कि भारत बदल चुका है। ये न्यू इंडिया है — जो पहले सहता था, अब सहता नहीं, सीधा जवाब देता है।”
देश भर में खुशी का माहौल है। हर शहर, हर गांव में लड्डू बांटे जा रहे हैं, लोग तिरंगा लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। सोशल मीडिया पर ‘जय हिंद’, ‘सिंहों की सेना’ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ट्रेंड कर रहा है। इस महाप्रहार ने आतंकियों को ना सिर्फ शारीरिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि मानसिक रूप से भी तोड़ दिया।
सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह कार्रवाई “राइट टू सेल्फ डिफेंस” के तहत की गई और इसमें आम नागरिकों को हानि न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया।
भारत ने दुनिया को एक बार फिर दिखा दिया कि वह शांति चाहता है, लेकिन कायरता नहीं। अब आतंक के हर सिर को कुचला जाएगा, चाहे वह सरहद के इस पार हो या उस पार।
जब ‘सिंदूर’ युद्ध का प्रतीक बने, तो समझ लो कि भारत मां के बेटों ने फिर कुछ कर दिखाया है।
जय हिंद! शीतल निर्भीक की खास रिपोर्ट।