*”(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
वाराणसी, 29 मई 2025। भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और कर्मियों की सतर्कता एक बार फिर लोगों के भरोसे पर खरी उतरी। गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन पर एक महिला यात्री द्वारा ट्रेन में छूटा हुआ कीमती लेडीज पर्स रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की तत्परता और ईमानदारी से सुरक्षित लौटाया गया। यह घटना न केवल कर्तव्यपरायणता का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि रेलवे सुरक्षा बल यात्रियों की सुरक्षा और उनकी संपत्ति की रक्षा को लेकर कितना संवेदनशील है ।
मामला 28 मई 2025 का है। दिल्ली-दरभंगा समर स्पेशल गाड़ी संख्या 04012 के एस-04 कोच में बर्थ संख्या 49 पर सफर कर रही महिला यात्री साधना सिंह 27 मई को यात्रा शुरू कर 28 मई को गाजीपुर सिटी स्टेशन पर उतर गईं। लेकिन स्टेशन से बाहर निकलने के कुछ समय बाद उन्हें याद आया कि उनका लेडीज पर्स ट्रेन में ही बर्थ पर छूट गया है
महिला ने तत्काल गाजीपुर सिटी स्टेशन पर तैनात सहायक उप निरीक्षक जयशंकर दुबे को जानकारी दी। जयशंकर दुबे ने बिना देरी किए बलिया रेलवे सुरक्षा पोस्ट पर तैनात सहायक उप निरीक्षक संतोष कुमार राय को इसकी सूचना दी। संतोष कुमार राय ने कांस्टेबल रामनयन यादव के साथ मिलकर बलिया स्टेशन पर जब ट्रेन पहुँची, तो उसे प्लेटफॉर्म संख्या दो पर अटेंड किया।
दोनों कर्मियों ने कोच की तलाशी ली और बर्थ संख्या 49 पर वही लेडीज पर्स बरामद कर लिया। इसे तत्काल RPF पोस्ट बलिया लाया गया। महिला यात्री के परिजन के रूप में उनके चाचा दीनानाथ सिंह, निवासी शास्त्री नगर, गाजीपुर, पोस्ट पर पहुंचे। व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से साधना सिंह से संपर्क कर पर्स के अंदर मौजूद सामग्री की पुष्टि कराई गई।
पर्स में एक सोने की चेन, एक सोने की अंगूठी और ₹2000 नकद मौजूद थे। महिला ने इसकी कुल कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये बताई। पूछताछ और पुष्टि के बाद पूरी प्रक्रिया फर्दसुपुर्दगीनामा के तहत कांस्टेबल विनोद कुमार यादव और रामनयन यादव की मौजूदगी में शाम 8:25 बजे उनके चाचा को सुरक्षित रूप से सुपुर्द कर दिया गया।
महिला यात्री और उनके परिजन ने RPF की ईमानदारी और सक्रियता की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह भरोसा और सुरक्षा ही रेलवे की असली पूंजी है।
इस पूरी घटना का संज्ञान लेते हुए मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव ने कर्मचारियों की तत्परता, ईमानदारी और यात्रियों के प्रति संवेदनशीलता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं रेलवे की सकारात्मक छवि को और मजबूत करती हैं।
जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने इस घटना की जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी मंडल न केवल यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव दे रहा है, बल्कि उनके सामान और विश्वास दोनों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देता है।
यह घटना यह साबित करती है कि भारतीय रेलवे सिर्फ लोहे की पटरियों और इंजन की ताकत नहीं, बल्कि उसमें काम करने वाले इंसानों के जज्बे और ईमानदारी से भी चलती है।