* बहूओ का जीवन हैं सबसे अपार करे काम सारे थके बिना वो यार! दुनिया को करना इसका आभार करे काम सारे रुके बिना वो यार!
झाड़ू करे पोछा करे कपडे भी धुले फिर भी उठ रहे सबके मन में नफरत के बुलबुले……. सुबह शाम सारा दिन ये काम करती है शायद ही देखा हों की आराम करती हैं…. बहुओ जीवन.हैँ.. सास ससुर देवर ननद ताने मारते करती क्या हों दिन भर तुम ये ताना झाड़ते खाया नहीं खाना भूखी हैँ बेचारी सोचो कभी बेटी भी बहु बनेगी तुम्हारी…..
बच्चों को दिनरात ये दुलार करती हैँ बाप अगर कमाता हैँ तो माँ संस्कार भरती हैँ सारा दिन ये कामकरे कुछ खाय पिए बिना फिर भी मुश्किल किया ससुराल वालो ने जीना…. बहुओ का जीवन हैँ… खो रही पहिचान इनकी बन गयी ये रीत मुश्किल हुआ बहुओ का जीना तो लिख रहा हूँ गीत आओ सभी मिलकर इन्हे सम्मान दिलाये बिन बहु घर सुना ये ध्यान दिलाये…. बहुओ का जीवन हैँ सबसे अपार करे काम सारे थके बिना वो यार|
🙏मनोज सविता (शिक्षक) उरई जालौन(उत्तरप्रदेश)