शीर्षक :- ऑपरेशन सिन्दूर*
*धर्म के नाम देह त्याग दी, हिन्दू कह जो मिट जाता है।मेंहदी भी छूट नहीं पाई, सिंदूर जहाँ लुट जाता है।।
पहलगाम का बदला लेकर, गर्जन से शौर्य को गाया है।ऑपरेशन सिन्दूर ने आज, भारत का मान बढ़ाया है।।
नमन है सेना के वीरों को, जो मृत्यु से डरे नहीं। जय हिन्द बोलते बढ़े चले, आतंकी जहां वे बढ़े वहीं।।
नक्शे से उनको मिटा दिया,जो हर पल नफरत बोते हैं। ऐसा सबक सिखाया है, कि मौत पाने वो रोते हैं।।
भारत में हर एक नारी का, सिन्दूर जीवन आधार है। हर एक सुहागन का गहना , यह सर्व प्रिय शृंगार है।।
माता – बहनों के सिन्दूर से, तू छेड़ – छाड़ को त्याग दे। अब भुगत रहा है कर्म तू, जाकर परिजन को आग दे।।
जो अपनी हद में रहते हैं, हम उन पर वार नहीं करते। भारत के बेटे – बेटी हम, मर्यादा पार नहीं करते।।
शत्रु घात लगाकर जब भी, असहायों पर वार करे। फिर यम की बाट नहीं जोहते,खुद ही उनको यमद्वार करें।।
सोफिया व्योमिका ने आकर,मीडिया से है कॉन्फ्रेंस किया। नारी शक्ति ने बता दिया, सेना का जलवा दिखा दिया॥
*स्वरचित मौलिक अप्रकाशित* *सुनीता चौधरी* *ब्यावर राजस्थान*