नवादा, बिहार:
बिहार के नवादा जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है जहां पुलिस परीक्षा देने जा रहे एक युवक की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान सचिन कुमार के रूप में हुई है, जो बिहार पुलिस की लिखित परीक्षा देने के लिए अपने घर से निकला था। यह वारदात मंगलवार सुबह की है, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।
परीक्षा देने निकला था, लेकिन लाश बनकर लौटा
मृतक सचिन कुमार एक होनहार छात्र था जो नवादा जिले के मिर्जापुर थाना क्षेत्र के गांधी नगर मोहल्ला का रहने वाला था। मंगलवार सुबह वह घर से निकला था ताकि समय पर परीक्षा केंद्र पहुंच सके। लेकिन कुछ ही घंटों बाद उसकी लाश गांधी नगर इलाके में एक सुनसान जगह पर पड़ी मिली। स्थानीय लोगों ने शव को देखकर पुलिस को सूचित किया।
सिर में मारी गई थी गोली
पुलिस और फॉरेंसिक टीम के अनुसार, युवक को क्लोज रेंज से सिर में गोली मारी गई थी। गोली लगने से घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। शव के पास से कोई मोबाइल या परीक्षा का एडमिट कार्ड भी नहीं मिला है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अपराधी उसे लूट की नीयत से भी निशाना बना सकते हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच, इलाके में तनाव
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। नवादा एसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच और तकनीकी टीम को जांच में लगाया गया है। पुलिस का मानना है कि यह हत्या आपसी रंजिश या परीक्षा से जुड़ी प्रतिस्पर्धा का भी परिणाम हो सकती है।
इलाके में अपराधियों के बढ़ते हौसले को लेकर लोगों में आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने पुलिस से मांग की है कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और मृतक परिवार को मुआवजा मिले।
क्या बोले अधिकारी?
नवादा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“मामले की गहराई से जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट है कि युवक को पहले से प्लानिंग के तहत मारा गया है। हत्या की वजह जानने के लिए उसके मोबाइल और परीक्षा से जुड़े दस्तावेजों की तलाश की जा रही है।”
बिहार में परीक्षा के दौरान बढ़ते अपराध
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में परीक्षा के दौरान छात्रों को निशाना बनाया गया है। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिनमें परीक्षा केंद्र जाते वक्त छात्रों से लूटपाट या हमला किया गया हो। ये घटनाएं न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं बल्कि छात्र वर्ग में डर और असुरक्षा की भावना भी पैदा करती हैं।
✅ निष्कर्ष:
सचिन कुमार की हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बिहार में युवा सुरक्षित नहीं हैं, खासकर तब जब वे अपने भविष्य को लेकर मेहनत कर रहे होते हैं। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस इस केस में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और अपराधियों को पकड़ती है या नहीं।