*“(शीतल निर्भीक ब्यूरो) लखनऊ : उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर अयोध्या , जहां उन्होंने प्राचीन संत रविदास मंदिर के सौंदर्यीकरण कार्य और नव निर्मित सत्संग भवन का लोकार्पण किया। इसके बाद वे मंदिर परिसर में आयोजित सामूहिक सहभोज में शामिल हुए और संतों के साथ प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास का दर्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को ऊर्जा देने वाला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास ने सदियों पहले जो समाज की कल्पना की थी – ‘‘ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न…’’ – वही आज की विकास योजनाओं की प्रेरणा है। जातिगत और आर्थिक विषमताओं को दूर किए बिना विकसित भारत की संकल्पना अधूरी है। संत रविदास ने कर्म को प्रधानता देते हुए समाज में चेतना जगाई और आडंबर, रूढ़ियों के खिलाफ आवाज उठाई।

सीएम योगी ने बताया कि मध्यकाल के कठिन समय में जब विदेशी आक्रांताओं का खतरा मंडरा रहा था, तब संत रविदास ने काशी से सामाजिक एकता की मशाल जलाई थी। उन्होंने कर्म की महत्ता बताते हुए कहा कि “मन चंगा तो कठौती में गंगा” आज भी उतना ही प्रासंगिक है। मुख्यमंत्री ने संत रविदास मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए महंत बनवारी पति ब्रह्मचारी जी महाराज को बधाई दी और कहा कि अयोध्या अब तेजी से सामाजिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण की ओर बढ़ रही है।मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में काशी में सीर गोवर्धन का कायाकल्प हुआ और अब अयोध्या को नया स्वरूप मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अयोध्या की उपेक्षा की गई, लेकिन अब यह सूर्यवंशी राजधानी देश की पहली सोलर सिटी के रूप में उभर रही है। फोरलेन सड़कें, राम की पैड़ी और सरयू घाट का सौंदर्यीकरण, निषादराज यात्री विश्रामालय, माता शबरी अन्न क्षेत्र और महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट इस दिशा में हो रहे ठोस प्रयास हैं।उन्होंने कहा कि पासी, कबीर और रजक समाज के संतों को साथ लेकर सरकार सबका साथ-सबका विकास के मंत्र को मजबूत कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हर नागरिक का संकल्प देश के प्रति समर्पित होगा, तभी संत रविदास और भगवान राम के आदर्शों पर चलकर एक समृद्ध भारत का निर्माण संभव होगा। हमें नेशन फर्स्ट की भावना के साथ देशहित में सोचना होगा।इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक और मंदिर के महंत बनवारी पति ब्रह्मचारी जी, राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी, योगी बालकनाथ, रामानुजदास, डॉ. सुंदरलाल, छतरदास, स्वामीदास, स्वामी भारत भूषण, सुकृत साहब समेत कई संतजन और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
